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PM Vishwakarma Yojana 2024 | पीएम विश्वकर्मा योजना के लिए आवेदन कैसे करें

भारत की चहल-पहल भरी गलियों और शांत गांवों के बीच कुशल कारीगरों का एक समुदाय पनपता है, जिनके हाथ न केवल सामग्री बल्कि हमारी सांस्कृतिक विरासत के मूल तत्व बुनते हैं। प्रधानमंत्री विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना (PM Vishwakarma Yojana) शिल्प के इन संरक्षकों को सरकार की सलामी है, जो अवसरों और पहचान की एक नई सुबह प्रदान करती है। यह पहल केवल एक योजना नहीं है; यह परंपरा, कौशल और अदम्य भारतीय भावना का उत्सव है।

पीएम विश्वकर्मा योजना से लाभ

कारीगरों के लिए एक नया युग पीएम विकास का उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों को वित्तीय सहायता, उन्नत उपकरणों तक पहुँच और बाजार में पहचान प्रदान करके उनका उत्थान करना है। यह योजना सुनिश्चित करती है:

वित्तीय सहायता: कारीगरों को नए उपकरण खरीदने और अपनी कार्यशालाओं को बेहतर बनाने के लिए आर्थिक सहायता मिलती है। योजना के अंतर्गत ₹300000 का लोन 5% ब्याज पर दिया जाता है जिसमें पहले चरण में ₹100000 का लोन और दूसरी चरण में ₹200000 का लोन प्रदान किया जाता है। इसके अलावा सरकार विभिन्न प्रकार के टूल किट खरीदने के लिए ₹15000 की राशि बैंक ट्रांसफर करती है।

कौशल विकास: मौजूदा कौशल को निखारने और नई तकनीक सीखने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

बाजार तक पहुँच: कारीगरों को अपने उत्पादों को बड़े पैमाने पर प्रदर्शित करने और बेचने के लिए प्लेटफ़ॉर्म प्रदान किए जाते हैं। शिल्पकारों और कुशल कारीगरों को बैंक से कनेक्ट किया जाता है और उन्हें MSME के माध्यम से भी जोड़ा जाता है।

पीएम विश्वकर्मा योजना के लिए आवश्यक पात्रता

PM Vishwakarma Yojana के लिए पात्र होने के लिए:

  • आवेदक या तो कुशल कारीगर या फिर शिल्पकार होना चाहिए। विश्वकर्मा समुदाय की 140 से भी ज्यादा जातियां के उम्मीदवार पात्र हैं।
  • उन्हें पारंपरिक विश्वकर्मा समुदाय से संबंधित होना चाहिए।
  • कार्य और कौशल स्तर का प्रमाण आवश्यक है।
  • केवल भारतीय नागरिकों को ही इस योजना का लाभ मिलेगा।
  • आवेदक की उम्र 18 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए।

PM Vishwakarma Yojana के लिए पात्र समुदाय

  • लकड़ी आधारित
    • बढ़ई
    • नाव निर्माता
  • लोहा/धातु आधारित/पत्थर आधारित
    • कवचकार
    • लौहार
    • हथौड़ा और टूल किट निर्माता
    • ताला बनाने वाला
    • मूर्तिकार, पत्थर तोड़ने वाला
  • सोना/चांदी आधारित
    • सुनार
  • मिट्टी आधारित
    • कुम्हार
  • चमड़ा आधारित
    • मोची (चर्मकार)/ जूता बनाने वाला/जूते बनाने वाला कारीगर
  • वास्तुकला/निर्माण
    • राजमिस्त्री
  • अन्य
    • टोकरी/चटाई/झाडू निर्माता/नाई बुनकर
    • गुड़िया और खिलौने निर्माता (पारंपरिक)
    • नाई
    • माला निर्माता
    • धोबी
    • दर्जी
    • मछली पकड़ने का जाल निर्माता

ध्यान दें: इसमें कांस्य, पीतल, तांबा, डायस, बर्तन, मूर्तियाँ आदि का निर्माण भी शामिल है।

आवश्यक दस्तावेज

पारदर्शिता के साथ बुनकर ट्रस्ट कारीगरों को प्रस्तुत करने की आवश्यकता है:

  • पहचान सत्यापन के लिए आधार कार्ड।
  • विश्वकर्मा समुदाय से संबंधित होने का प्रमाण।
  • उनके शिल्प कौशल को प्रदर्शित करने वाले दस्तावेज।
  • मोबाईल नंबर ओर ईमेल
  • निवास और जाति प्रमाण पत्र
  • फोटो और बैंक अकाउंट की प्रति

समान योजनाएँ

पीएम विकास एक बड़े ढांचे का हिस्सा है जिसमें निम्न योजनाएँ शामिल हैं:

हुनर हाट: कारीगरों के लिए अपने शिल्प को प्रदर्शित करने का एक मंच।
एमएसएमई योजनाएँ: एमएसएमई मंत्रालय के तहत विभिन्न पहल जो छोटे उद्योगों और कारीगर समुदायों का समर्थन करती हैं।

पीएम विश्वकर्मा योजना के लिए आवेदन कैसे करें?

पीएम विश्वकर्मा योजना के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया बहुत ही सरल है। योजना मे आवेदन के लिए, इन चरणों का पालन करें:

  • मोबाइल और आधार सत्यापन: पहले योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर, मोबाइल सत्यापन और आधार ई-केवाईसी पूरा करें।
  • कारीगर पंजीकरण फॉर्म: आवेदन करने का Apply बटन पर क्लिक करें।वेबसाइट पर उपलब्ध कारीगर पंजीकरण फॉर्म भरें।
  • बायोमेट्रिक सत्यापन: अपने निकटतम कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) पर जाएँ और बायोमेट्रिक सत्यापन प्रक्रिया पूरी करें।
  • ऑनलाइन आवेदन फॉर्म: ऑनलाइन आवेदन फॉर्म में, सभी अनिवार्य विवरण भरें और सबमिट करें। भविष्य के संदर्भ के लिए आवेदन संख्या नोट करें और फॉर्म की प्रति लें।
  • दस्तावेज: सुनिश्चित करें कि आवेदन करने से पहले आपके पास अपना आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक खाता विवरण और जाति प्रमाण पत्र तैयार है।

आपका आवेदन सफल हो गया है। अधिक विस्तृत जानकारी के लिए और आवेदन प्रक्रिया को पूरा करने के लिए, आधिकारिक पीएम विश्वकर्मा वेबसाइट pmvishwakarma.gov.in पर जाएँ।

कारीगर प्रशिक्षण कार्यक्रमों तक कैसे पहुंच सकते हैं?

कारीगर इन चरणों का पालन करके पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत प्रशिक्षण कार्यक्रमों तक पहुँच सकते हैं:

  1. पंजीकरण: कारीगरों को पहले पीएम विश्वकर्मा योजना के लिए पंजीकरण करना होगा। पंजीकरण के बाद, उन्हें कौशल सत्यापन प्रक्रिया से गुजरना होगा।
  2. प्रशिक्षण अवधि: प्रशिक्षण कार्यक्रम दो मॉड्यूल में उपलब्ध हैं: 15 दिनों का एक बुनियादी मॉड्यूल और विशेष कौशल के लिए 45 दिनों का एक उन्नत मॉड्यूल³।
  3. प्रशिक्षण का तरीका: कारीगर अपनी सुविधा के अनुसार ऑनलाइन या व्यक्तिगत कक्षा प्रशिक्षण में से चुन सकते हैं³।
  4. प्रशिक्षण केंद्र: प्रशिक्षण योजना के तहत सूचीबद्ध विभिन्न सरकारी और निजी संस्थानों में आयोजित किया जाता है। कारीगर आधिकारिक वेबसाइट pmvishwakarma.gov.in पर निकटतम प्रशिक्षण केंद्र की सूची पा सकते हैं।
  5. मास्टर ट्रेनर और मूल्यांकनकर्ता कार्यक्रम: योजना के तहत मास्टर ट्रेनर और मूल्यांकनकर्ताओं को प्रशिक्षित करने के लिए विशेष कार्यक्रम भी हैं, जो भारतीय उद्यमिता संस्थान (IIE) जैसे नामित संस्थानों में आयोजित किए जाते हैं।

निष्कर्ष में, पीएम विकास केवल एक नीति से अधिक है; यह भारत की कारीगर विरासत को संरक्षित और बढ़ावा देने का एक वादा है। इन कारीगरों को सशक्त बनाकर, हम न केवल आजीविका का समर्थन कर रहे हैं बल्कि यह भी सुनिश्चित कर रहे हैं कि भारतीय शिल्प कौशल की कहानी आने वाली पीढ़ियों के लिए दुनिया को मंत्रमुग्ध करती रहे।

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