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Natural farming Yojna 2025: जीरो बजट प्राकृतिक खेती योजना एक सरकारी कार्यक्रम है जो किसानों को प्राकृतिक तरीकों से फसल उगाने में मदद करता है। दुकानों से महंगे रसायन खरीदने के बजाय, किसान अपने खेत में खुद बनाई गई चीजों का उपयोग करते हैं – खासकर गायों से प्राप्त सामग्री, जैसे गाय का मूत्र और गोबर। अपने खुद के प्राकृतिक उर्वरक और कीट स्प्रे बनाकर, किसानों को ज्यादा पैसे खर्च नहीं करने पड़ते। यही कारण है कि इसे “जीरो बजट” खेती कहा जाता है।
प्राकृतिक खेती योजना की पूरी जानकारी यहाँ दी गई है कृपया इस लेख को अंत तक पढ़ें।
आज जब दुनिया Organic की बात करती है, नैचुरल की बात करती है और जब ‘Back to Basic’ की बात होती है, तो उसकी जड़ें भारत से जुड़ती दिखाई पड़ती हैं।
— Narendra Modi (@narendramodi) December 16, 2021
खेती-किसानी के इर्द-गिर्द ही हमारा समाज विकसित हुआ है, परंपराएं पोषित हुई हैं, पर्व-त्योहार बने हैं। pic.twitter.com/G3ajwDQE2F
प्राकृतिक खेती योजना का उद्देश्य
शून्य बजट प्राकृतिक खेती योजना हमारे किसानों को प्राकृतिक तरीकों से भोजन उगाने में मदद करने के लिए एक विशेष योजना है।योजना के मुख्य उदेश्य नीचे बताए गए है-
- पर्यावरण की रक्षा करें:
यह प्राकृतिक खेती योजना किसानों को प्रकृति को नुकसान पहुँचाए बिना भोजन उगाना सिखाती है। यह भूमि को स्वस्थ और मजबूत रहने में मदद करती है। - खेती की लागत कम करें:
प्राकृतिक तरीकों और कम रसायनों का उपयोग करने का मतलब है कि किसान कम पैसे खर्च करते हैं। इस तरह, वे हर एकड़ जमीन से अधिक पैसा कमा सकते हैं। - स्वस्थ भोजन उगाएँ:
रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों का उपयोग न करके, उगाया गया भोजन शुद्ध, पौष्टिक और हमारे स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित है। - मिट्टी में सुधार करें:
प्राकृतिक तरीके मिट्टी को समृद्ध और उर्वरता से भरपूर रखने में मदद करते हैं, जिसका मतलब है कि पौधे बेहतर तरीके से विकसित हो सकते हैं। - किसानों को सशक्त बनाएँ:
समूहों या समूहों में एक साथ काम करके किसानों की मदद की जाती है। यह टीमवर्क उन्हें अधिक आत्मविश्वास महसूस कराता है और उन्हें अपने उत्पादों को सीधे बेचने में भी मदद करता है।
योजना के लाभ
Natural farming Yojna के तहत सरकार द्वारा प्राकृतिक खेती पर 50% सब्सिडी दी जाती है। योजना से जुड़े आने लाभ नीचे दिए गए है-
- सब्सिडी:
किसानों को खेती के लिए आवश्यक वस्तुओं को खरीदने के लिए 50% सब्सिडी (सरकार से आधी मदद) मिलती है। इन वस्तुओं में शामिल हैं:- एक बड़ा ड्रम (200 लीटर)
- एक छोटा ड्रम (50 लीटर)
- एक बाल्टी (20 लीटर)
- एक जग, एक फिल्टर, पानी का स्प्रेयर और अन्य उपकरण
- विशेष जैविक सामग्री जैसे गाय का मूत्र, गोबर और प्राकृतिक मल्च (जैसे पत्ते)
- प्रशिक्षण और भ्रमण:
किसानों को प्राकृतिक खेती के तरीकों को सीखने और उनका अभ्यास करने के लिए विशेष प्रशिक्षण सत्र और निर्देशित भ्रमण मिलते हैं। - स्थानीय समूह प्रशिक्षण:
प्रशिक्षण गांव स्तर पर भी आयोजित किया जाता है, ताकि सभी एक साथ सीख सकें।
कौन शामिल हो सकता है? (पात्रता)
योजना से लिए पात्रता निम्न रखी गई है जिससे ज्यादा से ज्यादा किसान योजना का लाभ ले सकें-
- इच्छुक किसान:
केवल वे किसान ही योजना में शामिल हो सकते हैं जो वास्तव में प्राकृतिक खेती करना चाहते हैं। - भूमि स्वामित्व:
एक किसान के पास कम से कम एक एकड़ जमीन होनी चाहिए या वह ऐसे परिवार का सदस्य होना चाहिए जिसके पास जमीन हो। - समुदाय:
किसान उसी गांव से या आस-पास के गांवों से भी हो सकते हैं। - प्राथमिकता समूह:
एससी, एसटी, बीपीएल और छोटे या सीमांत किसानों को विशेष वरीयता दी जाती है। साथ ही, 35 वर्ष तक के युवा किसानों को सीखने और बढ़ने में मदद करने के लिए अतिरिक्त प्राथमिकता दी जाती है। - बहिष्करण:
जो किसान पहले से ही परम्परागत कृषि विकास योजना नामक एक अन्य समान सरकारी योजना का हिस्सा हैं, वे इस योजना में शामिल नहीं हो सकते।

आवेदन कैसे करें
प्राकृतिक खेती योजना से लिए आवेदन केवल ऑफलाइन तरीके से किया जा सकता है –
- कार्यालय जाएँ:
किसानों को स्थानीय कृषि विभाग कार्यालय या अपने जिले में कृषि विज्ञान केंद्र (कृषि विज्ञान केंद्र) जाना होगा। - फ़ॉर्म प्राप्त करें:
उन्हें कार्यालय से आवेदन पत्र प्राप्त करना होगा। - इसे ध्यान से भरें:
किसान को सभी पूछे गए विवरणों के साथ फ़ॉर्म को पूरा करना होगा। - आवश्यक दस्तावेज संलग्न करें:
आवश्यक दस्तावेजों में शामिल हैं:- आधार कार्ड
- बैंक पासबुक
- भूमि स्वामित्व प्रमाण
- फॉर्म जमा करें:
सभी जानकारी भरने और दस्तावेज संलग्न करने के बाद, किसान फॉर्म को विभाग में जमा करता है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों के उत्तर
- यह प्राकृतिक खेती योजना क्या है?
यह किसानों को रसायन खरीदने के बजाय अपने खेत पर बनी वस्तुओं, जैसे गोमूत्र और गोबर से खेती के प्राकृतिक तरीकों का उपयोग करने में मदद करने का कार्यक्रम है। - इस योजना के तहत क्या लाभ हैं?
किसानों को सब्सिडी मिलती है जो उनके खेती के औजारों की आधी लागत का भुगतान करती है, उन्हें प्रशिक्षण मिलता है और नए तरीके सीखने के लिए खेत के दौरे पर जाते हैं। - योजना का लाभ कौन उठा सकता है?
प्राकृतिक खेती में रुचि रखने वाले किसान जिनके पास कम से कम एक एकड़ जमीन है या जो परिवार के खाते का हिस्सा हैं, वे पात्र हैं। एससी, एसटी, बीपीएल और छोटे या सीमांत समूहों के किसानों को प्राथमिकता दी जाती है। - भूमि जोत पात्रता क्या है?
किसान के पास कम से कम एक एकड़ जमीन होनी चाहिए, या वह उस परिवार का सदस्य होना चाहिए जिसके पास जमीन है। - क्या एससी/एसटी श्रेणी के किसानों के लिए कोई प्रावधान है?
हां, उन्हें अतिरिक्त प्राथमिकता दी जाती है। - किस आयु तक के किसानों को प्राथमिकता दी जाती है?
35 वर्ष तक के किसानों को अतिरिक्त प्राथमिकता दी जाती है। - आवेदकों के लिए वित्तीय पात्रता क्या है?
यह योजना सीमित धन वाले किसानों के लिए बनाई गई है, जिससे उन्हें बहुत अधिक खर्च किए बिना प्राकृतिक खेती शुरू करने में मदद मिलती है। - प्राकृतिक खेती योजना के लिए आवेदन कैसे करें?
स्थानीय कृषि विभाग या कृषि विज्ञान केंद्र में जाकर, आवेदन पत्र भरकर, आवश्यक दस्तावेजों के साथ इसे जमा करके। - कौन से दस्तावेजों की आवश्यकता है?
आपको आधार कार्ड, बैंक पासबुक और भूमि स्वामित्व का प्रमाण चाहिए।
निष्कर्ष
यह प्राकृतिक खेती योजना किसानों और हमारी धरती के लिए एक बड़ी मदद है। यह भोजन उगाना आसान, सस्ता और प्रकृति के प्रति दयालु बनाती है। किसान नए कौशल सीखते हैं, विशेष उपकरण प्राप्त करते हैं, और हमारी दुनिया को नुकसान पहुँचाए बिना स्वस्थ फसलें उगाते हैं। इससे सभी लोग – पौधे, लोग और जानवर – खुश होते हैं!
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